देवघर:– विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला के पावन अवसर पर सावन की तीसरी सोमवारी पर बाबा बैद्यनाथ धाम में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। देशभर से लाखों श्रद्धालु सुल्तानगंज से गंगाजल लेकर कांवर यात्रा पर निकल पड़े हैं और हर हर महादेव के जयकारों के बीच बाबाधाम देवघर पहुंच रहे हैं। इस बार की सोमवारी पर एक विशेष आकर्षण रहा — कोलकाता से आए कांवरियों की टोली, जो अपने साथ चारधाम और रामेश्वरम मंदिर की प्रतिकृति कांवर के रूप में लेकर बाबाधाम पहुंची। इन कांवरों की भव्यता और आभा ने राहगीरों और भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
विशालकाय कांवरों में जहां एक ओर रामेश्वरम की दिव्यता दिखाई दी, वहीं दूसरी ओर केदारनाथ, बद्रीनाथ और द्वारका की आभासी उपस्थिति श्रद्धालुओं को अध्यात्मिक अनुभूति दे रही थी। इन कांवरों के साथ शिव की विशाल प्रतिमा भी कांवर के रूप में विराजमान थी, जिसे देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो स्वयं देवताओं ने धरती पर अवतरण कर लिया हो।
कांवर यात्रा में शामिल भक्तों ने बताया कि उन्होंने विशेष कामनाओं के साथ यह कांवर तैयार किया है और विश्वास है कि बाबा बैद्यनाथ उनकी मनोकामनाएं जरूर पूर्ण करेंगे। ढोल-नगाड़ों और भक्ति संगीत के बीच नाचते-गाते कांवरियों ने आस्था और भक्ति का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया। 
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ इन अद्भुत कांवरों को देखने के लिए उमड़ पड़ी और हर कोई मोबाइल कैमरे से इन पलों को कैद करता नजर आया। चारधाम कांवर न केवल दर्शनीय आकर्षण का केंद्र रहा बल्कि उसने भक्तों की आस्था को एक नई ऊंचाई दी।
बाबा की नगरी देवघर इन दिनों सचमुच दिव्य धाम में बदल चुकी है, जहां हर कदम पर भक्ति, संस्कृति और आस्था की गूंज सुनाई दे रही है।
