रांची ( झारखंड ) :– झारखंड विधानसभा में आज का दिन ऐतिहासिक रहा। सदन ने सर्वसम्मति से दिशोम गुरु स्व. शिबू सोरेन को भारत रत्न देने का प्रस्ताव पारित किया। अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री दीपक बिरुवा ने यह प्रस्ताव सदन में रखा,वही जिसे सत्ता और विपक्ष—दोनों ने पूरे समर्थन के साथ स्वीकार किया।

प्रस्ताव पर हुई चर्चा के दौरान सभी दलों के विधायकों ने गुरुजी के जीवन, संघर्ष और योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि शिबू सोरेन सिर्फ एक नेता नहीं, बल्कि झारखंड आंदोलन के प्रणेता और आदिवासी समाज की आवाज थे। सदन में “भारत रत्न शिबू सोरेन” के गगनभेदी नारे गूंजे और पूरे माहौल में भावनात्मक ऊर्जा का संचार हुआ।

कौन थे दिशोम गुरु शिबू सोरेन :–शिबू सोरेन, जिन्हें आदरपूर्वक ‘दिशोम गुरु’ कहा जाता है, झारखंड की आत्मा और अस्मिता का प्रतीक माने जाते हैं। उन्होंने आदिवासी, किसान और वंचित तबके के अधिकारों की लड़ाई लड़ी।1970 के दशक में वे भूमि और जल-जंगल-जमीन आंदोलन के सबसे मजबूत स्तंभ बने।उन्होंने आदिवासियों की जमीन को बाहरी ताकतों से बचाने के लिए बड़ा संघर्ष किया।झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की स्थापना के माध्यम से उन्होंने पूरे राज्य में जनआंदोलन की नई धारा प्रवाहित की। 2000 में जब झारखंड अलग राज्य के रूप में अस्तित्व में आया, तो इसे संभव बनाने में उनकी निर्णायक भूमिका रही।01)राजनीतिक और सामाजिक योगदान 02) तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री रहे।03) केंद्र सरकार में कोयला मंत्री के रूप में भी कार्य किया।04) उनका जीवन पूरी तरह से जनसेवा और सामाजिक न्याय के लिए समर्पित रहा।

क्या अब केंद्र सरकार गुरु जी को देगी देश रत्न का खिताब:–अब विधानसभा द्वारा पारित यह प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। झारखंड की जनता को उम्मीद है कि केंद्र सरकार इस पर सकारात्मक विचार कर शिबू सोरेन को भारत रत्न से सम्मानित करेगी। यह केवल झारखंड ही नहीं, बल्कि पूरे देश की पहचान और सम्मान का प्रतीक होगा।

विधानसभा द्वारा पारित यह प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। झारखंड की जनता को उम्मीद है कि केंद्र सरकार इस पर सकारात्मक विचार कर शिबू सोरेन को भारत रत्न से सम्मानित करेगी। यह केवल झारखंड ही नहीं, बल्कि पूरे देश की पहचान और सम्मान का प्रतीक होगा।

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